फ़िल्मी दुनिया में असफलता की कई कहानियाँ हैं, लेकिन ‘लेडीकिलर’ जैसी फ़िल्म की कहानी एक अलग ही मिसाल पेश करती है। 2023 में रिलीज़ हुई इस फ़िल्म को बॉलीवुड की सबसे बड़ी फ्लॉप फ़िल्मों में गिना गया है। अजय बहल के निर्देशन में बनी इस फ़िल्म में अर्जुन कपूर और भूमि पेडनेकर मुख्य भूमिकाओं में थे, और इसे टी-सीरीज़ के भूषण कुमार द्वारा निर्मित किया गया था। हालांकि, फ़िल्म की रिलीज़ और इसके विवादों ने इसे एक अलग ही दिशा में पहुंचा दिया।
अधूरी फिल्म का रिलीज़: सस्पेंस पर सवाल!
‘लेडीकिलर’ के रिलीज़ से पहले खबरें आईं कि इसका क्लाइमेक्स पूरी तरह से शूट नहीं हुआ था। निर्देशक अजय बहल ने पहले इस तथ्य को स्वीकार किया, लेकिन बाद में अपने बयान से पीछे हट गए। फिर भी, यह तथ्य है कि फ़िल्म को नवंबर 2023 में भारत के केवल कुछ चुनिंदा थिएटरों में सीमित रूप से रिलीज़ किया गया था।
ओटीटी के साथ डील: अधूरी फ़िल्म का टोकन रिलीज़
सूत्रों के अनुसार, फ़िल्म निर्माताओं ने नेटफ्लिक्स के साथ फ़िल्म की स्ट्रीमिंग के लिए एक समझौता किया था, जिसके तहत फ़िल्म का पहले एक सीमित थिएटर रिलीज़ होना अनिवार्य था। नेटफ्लिक्स पर दिसंबर में इसे स्ट्रीम करने के लिए यह शर्त थी कि फ़िल्म को पहले नवंबर के पहले सप्ताह में थिएटर में रिलीज़ किया जाए। यह मजबूरी शायद एक वजह थी कि फ़िल्म का अधूरा संस्करण बिना किसी प्रमोशन के रिलीज़ कर दिया गया। निर्माताओं ने सोचा कि एक टोकन रिलीज़ से ओटीटी रिलीज़ का रास्ता बन जाएगा, लेकिन ये दांव उल्टा पड़ गया।
स्टार्स का किनारा, बिना प्रचार के रिलीज़
फ़िल्म के इस विवादित रिलीज़ ने इसकी कास्ट को भी असमंजस में डाल दिया। अर्जुन कपूर और भूमि पेडनेकर ने फ़िल्म का प्रमोशन करने से परहेज किया। इस फ़िल्म का कोई व्यापक प्रचार अभियान नहीं था, केवल एक ट्रेलर ही रिलीज़ किया गया। दर्शकों तक फ़िल्म की पहुँच ना होने से यह केवल 293 टिकट ही बेच पाई और अपनी लाइफटाइम कलेक्शन में 1 लाख रुपये का आँकड़ा भी पार नहीं कर पाई। इसके बाद की नकारात्मक प्रतिक्रिया और खराब प्रदर्शन ने नेटफ्लिक्स को भी पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।
यूट्यूब पर रिलीज़: फिर भी निराशाजनक प्रतिक्रिया
बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह असफल होने के बाद, ‘लेडीकिलर’ को सितंबर 2024 में यूट्यूब पर मुफ्त में जारी किया गया। एक महीने में इसे 2.4 मिलियन व्यूज़ मिले, लेकिन ज्यादातर दर्शकों ने फिल्म पर नकारात्मक प्रतिक्रिया ही दी। कमेंट सेक्शन में फिल्म को लेकर बड़ी संख्या में आलोचनात्मक टिप्पणियाँ देखी जा सकती हैं, जो फिल्म की अधूरी और असंगत कहानी पर सवाल खड़े करती हैं।
‘लेडीकिलर’ से सीखी जा सकने वाली बातें
45 करोड़ के बजट के बावजूद, फ़िल्म का प्रचार, कहानी और सही रिलीज़ योजना का अभाव इसकी असफलता का मुख्य कारण बने। लेडीकिलर ने साबित किया कि दर्शकों को केवल बड़े बजट से प्रभावित नहीं किया जा सकता; उन्हें एक सशक्त कहानी और प्रस्तुति की जरूरत होती है। यह मामला भारतीय सिनेमा को सिखाता है कि अधूरी तैयारियों के साथ किसी भी फिल्म को रिलीज़ करना न केवल फ़िल्म की बल्कि उसके कलाकारों और निर्माताओं की प्रतिष्ठा को भी प्रभावित कर सकता है।